Featured post

What If a War Broke Out Between Mahabharata and Ramayana Warriors?

An Imaginary Showdown Between Epic Legends — With a Twist! …SORRY FOR THIS…! But hey, sometimes imagination runs wild, and we just have to know: What if the legendary warriors of Ramayana and Mahabharata clashed in a celestial battlefield? Before diving in, let’s spice things up — not with a boring versus battle, but with a mixed team format! Introducing: ⚔️ Team Ramayan ⚔️ Lord Ram — The Maryada Purushottam , an ideal human but also Vishnu Himself. Every divine weapon known, wisdom beyond measure, and a code of honor no one can match. Ravan — The ten-headed demon king. Lifted Kailash, mastered Vedas and astras, feared by the Devas themselves. Indrajeet (Meghnad) — Son of Ravan. Defeated Indra, used illusions ( maya ) and had boons that made him nearly invincible after yajna. Lord Lakshman — Incarnation of Sheshnag . Ram’s right hand and savior of the battlefield. Destroyer of Indrajeet. Lord Hanuman — The unbeatable. Immortal. Blessed by all major deities. Fireproo...

SHIVA ASHTOTTARA SATA NAMA

 ॐ शिवाय नमः

ॐ महेश्वराय नमः
ॐ शम्भवे नमः
ॐ पिनाकिने नमः
ॐ शशिशेखराय नमः
ॐ वामदेवाय नमः
ॐ विरूपाक्षाय नमः
ॐ कपर्दिने नमः
ॐ नीललोहिताय नमः
ॐ शङ्कराय नमः (10)

ॐ शूलपाणये नमः
ॐ खट्वाङ्गिने नमः
ॐ विष्णुवल्लभाय नमः
ॐ शिपिविष्टाय नमः
ॐ अम्बिकानाथाय नमः
ॐ श्रीकण्ठाय नमः
ॐ भक्तवत्सलाय नमः
ॐ भवाय नमः
ॐ शर्वाय नमः
ॐ त्रिलोकेशाय नमः (20)

ॐ शितिकण्ठाय नमः
ॐ शिवाप्रियाय नमः
ॐ उग्राय नमः
ॐ कपालिने नमः
ॐ कामारये नमः
ॐ अन्धकासुर सूदनाय नमः
ॐ गङ्गाधराय नमः
ॐ ललाटाक्षाय नमः
ॐ कालकालाय नमः
ॐ कृपानिधये नमः (30)

ॐ भीमाय नमः
ॐ परशुहस्ताय नमः
ॐ मृगपाणये नमः
ॐ जटाधराय नमः
ॐ कैलासवासिने नमः
ॐ कवचिने नमः
ॐ कठोराय नमः
ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः
ॐ वृषाङ्काय नमः
ॐ वृषभारूढाय नमः (40)

ॐ भस्मोद्धूलित विग्रहाय नमः
ॐ सामप्रियाय नमः
ॐ स्वरमयाय नमः
ॐ त्रयीमूर्तये नमः
ॐ अनीश्वराय नमः
ॐ सर्वज्ञाय नमः
ॐ परमात्मने नमः
ॐ सोमसूर्याग्नि लोचनाय नमः
ॐ हविषे नमः
ॐ यज्ञमयाय नमः (50)

ॐ सोमाय नमः
ॐ पञ्चवक्त्राय नमः
ॐ सदाशिवाय नमः
ॐ विश्वेश्वराय नमः
ॐ वीरभद्राय नमः
ॐ गणनाथाय नमः
ॐ प्रजापतये नमः
ॐ हिरण्यरेतसे नमः
ॐ दुर्धर्षाय नमः
ॐ गिरीशाय नमः (60)

ॐ गिरिशाय नमः
ॐ अनघाय नमः
ॐ भुजङ्ग भूषणाय नमः
ॐ भर्गाय नमः
ॐ गिरिधन्वने नमः
ॐ गिरिप्रियाय नमः
ॐ कृत्तिवाससे नमः
ॐ पुरारातये नमः
ॐ भगवते नमः
ॐ प्रमथाधिपाय नमः (70)

ॐ मृत्युञ्जयाय नमः
ॐ सूक्ष्मतनवे नमः
ॐ जगद्व्यापिने नमः
ॐ जगद्गुरवे नमः
ॐ व्योमकेशाय नमः
ॐ महासेन जनकाय नमः
ॐ चारुविक्रमाय नमः
ॐ रुद्राय नमः
ॐ भूतपतये नमः
ॐ स्थाणवे नमः (80)

ॐ अहिर्बुध्न्याय नमः
ॐ दिगम्बराय नमः
ॐ अष्टमूर्तये नमः
ॐ अनेकात्मने नमः
ॐ सात्त्विकाय नमः
ॐ शुद्धविग्रहाय नमः
ॐ शाश्वताय नमः
ॐ खण्डपरशवे नमः
ॐ अजाय नमः
ॐ पाशविमोचकाय नमः (90)

ॐ मृडाय नमः
ॐ पशुपतये नमः
ॐ देवाय नमः
ॐ महादेवाय नमः
ॐ अव्ययाय नमः
ॐ हरये नमः
ॐ पूषदन्तभिदे नमः
ॐ अव्यग्राय नमः
ॐ दक्षाध्वरहराय नमः
ॐ हराय नमः (100)

ॐ भगनेत्रभिदे नमः
ॐ अव्यक्ताय नमः
ॐ सहस्राक्षाय नमः
ॐ सहस्रपादे नमः
ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
ॐ अनन्ताय नमः
ॐ तारकाय नमः
ॐ परमेश्वराय नमः (108)

इति श्रीशिवाष्टोत्तरशतनामावलिः समाप्ता

Comments